मुझे जफा करनी नहीं आती l
वफा मेरे हिस्से नहीं आती ll
*****डॉ नरेश सागर
मुझको आजमाने की कोशिश में l
अपनी औकात बता गया कोई ll
****डॉ नरेश सागर
नए दुश्मन जब से बनने लगे हैंl
पुराने गले से लिपटने लगे हैं ll
****डॉ नरेश सागर
तन्हाइयों की भीड़ में यह शोर कैसा है l
आज कौन लौट आया है वीरान शहर मेंll
*****डॉ नरेश सागर
निगाहों में जब तक ज्योति जलेगी l
जिंदगी की राहों की खिड़की खुलेगीll
****डॉ नरेश सागर
परखने की उसको आदत ऐसी बुरी पड़ी l
कोई भी उसका अपना फिर अपना नहीं रहा ll
****डॉ नरेश सागर
सच कहने की सजा भी होती है l
जान जोखिम में पड़ी होती है ll
****डॉ नरेश सागर
मन की टीश भूलकर, भूल पुरानी बात ।
हस हस मिल सबसे गले ,दे ऐसी सौगात।।
*****डॉ नरेश सागर
आसां तो सांस लेना भी नहीं होता "सागर"!
जीना पड़ता है फिर भी जहरीली हवाओ में।।
****डॉ नरेश सागर