🌹 विद्यालय आचरण
का कारखाना है 🌹
ईद के दिन भी,
मजबूर थे तकदीर से।
गले लग के रो दिए ,
महबूब की तस्वीर से।।
मैं ख्वाब हूं,ख्वाब की ताबीर हो।
दिल के अंदर ,बसी तस्वीर हो।
मैं तुम से दूर रहूं,मुमकिन नहीं।
अब तो तू मेरे,पांव की जंजीर हो।
अक्लमंद लोग संवाद करते हैं,
मुर्ख लोग विवाद करते हैं।
क्रोध के समय थोडा रूक जाना ही बुद्धिमान व्यक्ति की निशानी है।
सत्य में गजब का स्वाभिमान, गर्वानुभूति और शक्ति होती है।
कभी आज़मा कर देखना।
अपना ग़म बता कर किसी को गमगीन क्यों करें।
इकट्ठा करके खुशियों को जीवन को खुशियों से भर दे।
आपके कर्म ही आपकी पहचान हैं।
वरना एक नाम के लाखों इंसान हैं।
मानव जीवन प्रकृति का
एक अनमोल तोहफ़ा है,
इसे यूं ही न बर्बाद कीजिए।