इक तेरे नाम पर भी रुक जाती हैं अक्सर सांसे मेरी,
कौन कहता है जिंदगी पर हक सिर्फ़ मौत का है.....
मेरी हर एक सुबह हर शाम, तेरे नाम रहती है
मेरे यारों की सजी हर बज़्म, तेरे नाम रहती है,
करके आंखों को बन्द अपनी, तुम्हे मैं सोचता हूं जब
मेरी हर गीत गजल हर नज़्म, तेरे नाम रहती है.....