वो अपनी मुस्कान से एक पूरी कहानी कह चुकी थी, लेकिन उसके आसूँ कुछ अलग इतिहास रच रहे थे।
वो अपनी मुस्कान से एक पूरी कहानी कह चुकी थी, लेकिन उसके आसूँ कुछ अलग इतिहास रच रहे थे।
तन्हाई में भी हँस रही थी,
दर्द में सुकून ढूंढ रही थी,
रुके हुए वक़्त पर चलने की कोशिश कर रही थी।
तन्हाई में भी हँस रही थी,
दर्द में सुकून ढूंढ रही थी,
रुके हुए वक़्त पर चलने की कोशिश कर रही थी।