Just a student, with dreams in her eyes and infinite imaginations in her head.
Share with friendsयादों की गठरी बाँध, दूर कही घूम हो जाऊँ; जब धुन तेरी पुकारे, तेरे पीछे पीछे चली आऊँ; वक़्त की रेत पे, क़दमों के निशान तेरे; उलजने सारी छोड़, तेरे पीछे पीछे चली आऊँ। यादों की गठरी बाँध, दूर कही घूम हो जाऊँ; जब धुन तेरी पुकारे, तेरे पीछे पीछे चली आऊँ; वक़्त की रेत पे, क़दमों के निशान तेरे; उलजने सारी छोड़, तेरे पीछे पीछे चली आऊँ।
अगर पर होते तो उड़ जाती, बादलों का यह दरिया पार कर जाती, माना की सफ़र मुश्किल होता, पर ख़्वाबों की मंज़िल सर कर जाती।
बिना ऊपर उठे आसमान की ऊंचाई नही पता चलती, बिना कूदे समंदर की गहराई नही पता चलती, मिटटी का इंसान समज तू, बिना श्रम किये किस्मत नहीं बदल सकती।
तुम लाख कोशिशें कर लो, मंज़िल सर नहि कर पाते; तुम लाख कोशिशें कर लो, उस मुक़ाम तक नहि पोहोच पाते; इतनी सी बात पर उदास ना होना तु, कभी हार ना मानना तु; क्यूँकि उस मंज़िल से ज़्यादा तो तेरी कोशिशें क़ीमती हे;