और मन के रंग में...!!
एक ही समानता है....
दोनों रहस्यमयी से लगते है..!!
आसमान की बुलंदियों को छूते....
ये जहाज..,मुझे मेरा अक्स दिखाते है....
कोसिस भर की देरी है.....फिर देखो
मुझे मेरे पर आसमान तक ले जाते है..!!
वो रिस्ता ही क्या जिसे निभाना पड़े...
वो प्यार ही क्या जिसे जताना पड़े...
रिस्ता तो इक खामोश एहसास है...
वो एहसास ही क्या जिसको आपसे बताना पड़े...!!