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आज भिगी है पलकें तेरे इंतजार में। आसमान भी सिमट गया अपने ही आप में।। ओंस की बूंदे ऐसी गिरी जमीन पर। मानो चाँद भी रोया हो तुमसे बिछड़ने की याद में।।