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सुरेंद्र सैनी बवानीवाल "उड़ता "
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वैसे तो आज तक तमाम उम्र निकाल दी. लेकिन एक विश्वास है "उड़ता" जिसने दामन संभाले रखा है.

वैसे तो आज तक तमाम उम्र निकाल दी. लेकिन एक विश्वास है "उड़ता" जिसने दामन संभाले रखा है.

बार बार देखता हूँ उस फूल गुलाब को, जो मेरी किताब में बंद "उड़ता "तेरी सूरत सा है.

बार बार देखता हूँ उस फूल गुलाब को, जो मेरी किताब में बंद "उड़ता "तेरी सूरत सा है.

हर बात बताने की नहीं होती "उड़ता ", कुछ राज़ समय के साथ चलते हैं.

हर बात बताने की नहीं होती "उड़ता ", कुछ राज़ समय के साथ चलते हैं.

वैसे तो कभी तुमसे कुछ मांगा नहीं "उड़ता " बस इतनी सी गुजारिश है साथी मेरे साथ रहना.

वैसे तो कभी तुमसे कुछ मांगा नहीं "उड़ता " बस इतनी सी गुजारिश है साथी मेरे साथ रहना.

इश्क़ ने देखो क्या -क्या रंग दिखला दिए. "उड़ता "मेरे महबूब मुझे मुर्ख समझने लगे.


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