माना छल में बल है!
मगर आज भी
प्रेम और स्नेह
से ही
मिलता
हल
है!!
©®
sadhana
सवालों के मंजर को आंसुओं से मोड़ गया!
शिकायतों के खंजर वह गले लग कर तोड़ गया!!
प्रतिभा उम्र की नहीं ,
अवसर की मोहताज़ हुआ करती है!
अवसर मिलते ही ,
शीश का ताज हुआ करतीं है!!
आंखें मूंदती हूं आंखों से बरसात होती है!
शायद यही सच्चे प्यार की सौगात होती है!!
अगर आप खुद से नहीं हारे तो आपको कोई भी हरा नहीं सकता!!
नजरों से नजर ना आऊ
नजरों से इतनी दूर न कर।
बदलते बदलते तुझे भूल जाऊं
साथी इतना मजबूर ना कर।।
शब्द साधना 🙏🚩
आकंठ योग्यता पर भी है रातों का पहरा।
अभ्युदय की किरण लिए आए नया सवेरा।।
साधना मिश्रा विंध्य
शब्द साधना 🙏
बेमतलब ना मुझे दग़ाबाज़
कहां जाए!
झांक अपनी गिरेबां
में कुछ पल देखा जाए!!
साधना मिश्रा विंध्य 💞
अपने "आज" को यह सोचकर बर्बाद मत कीजिए,
कि आपके पास बहुत सारे "कल" हैं!!!