Ajay Rajpoot
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मेरे दोस्त हो तुम मेरे हमसफ़र हो तुम मेरी सांसों का सुकून भी ख़ुशबू भी हो तुम तुम्हें कैसे बतलाए कि मेरे लिए क्या हो तुम बस इतना समझ लो मेरी खुशियों की वजह मेरे जीने की वजह हो तुम

तू कल मेरा तू पल मेरा जीवन की मुश्किलों का तू हल मेरा

बिन मातृभाषा के कहां ज्ञान पूरा है जो समझते है कि उन्होंने अंग्रेजी की चार किताबें पढ़कर पूरा ज्ञान अर्जित कर लिया वो या तो अपनी माटी से अनभिज्ञ है या शायद वो अनजान है

मेरी सांसों का राग है तू मेरी धड़कनों का साज है तू मेरे इस जीवन की बगिया का हवाओं सा बहता संगीत है तू

जो कभी जीने की वजह थी आज वो जिंदगी की नज़्म में भी नहीं जिनसे मेरी शख्सीयत थी आज वो मेरी हैसियत पूछते है

जिसमें तुम पास नहीं जिसमें तुम्हें छोड़ना पड़े वो सफलता मेरे किस काम की जिसमें साथ तुम्हारा हो वो हर चुनौती मुझे स्वीकार है

थी बात इश्क़ की ना कभी हम गुलज़ार हुए बस तेरी खातिर ही हम यूं सरेराह बदनाम हुए

ये तेरी नजरें बेकरारी बढ़ाती बहुत है तेरी अदाएं तेरी नज़ाकत घायल करती मेरे दिल को बहुत है ये गुलशन ये बहारें तेरे बगैर चिढ़ाती मुझे बहुत है

धड़कनें भी तेज है सांसें भी तेज है बलखाती जिंदगी में अभी फासले भी बहुत है


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