दो बूंद आसुओं के खारेपन से समुद्र भी हारा होगा..।
जब नवेलियों ने मांँग का सिंदूर पोंछ मंगलसूत्र उतारा होगा...।।
मत भेज प्रेम का संदेश
यह स्याही कोरे कागज को खराब कर देंगे
दिल से तुम मुझे याद कर..
ऐ माँ ! बंँद आंँखों से तुझे महसूस कर लेंगे
इस जहांँ की मेरी खूबसूरत मन्नत तू
तेरी गोद में नजर आए जैसे स्वर्ग से जन्नत तू
साथ रहते वक्त गुजर जाएगा
मां तेरे साए में यह पल बीत जाएगा
शांत कर्मों की आवाज बुलंद आसमान से भी ऊंँची होती है...🌺🌺
मिट्टी में रहकर मुझे मिट्टी में मिल जाना है..
जमी पर रहकर हर रिश्ता मुझे दिल से निभाना है..
मिट्टी में रहकर मुझे मिट्टी में मिल जाना है..
जमी पर रहकर हर रिश्ता मुझे दिल से निभाना है..