धरती, माँ क्यों केहलाती है अनगिनत बीजों का गर्भ धारण करती है जड़ें तो सीना छलनी करती हैं फिर भी फूल और फल देते ही रेहती है
औरों के गलती से जो सीखा वो है तालीम खुद के गलती से जो सीखा वो है तजुर्बा एक बिना दूजा - जैसे बिन बरसात का श्रावण कामयाब लोगों में है सही मात्रा का मिश्रण
Learning from other's mistakes is - Education Learning from own mistakes is - Experience One without the other is like tree without stem Successful people have right mix of both of them