SHANKAR DAS
Literary Lieutenant
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छ तो मन कहता है, आज मेरा मन खुलकर जीना चाहता है, उड़ना चाहता हु, खेलना चाहता हु, घूमना चाहता हु , सबके साथ मिलना चाहता हु, बस रुकना नहीं चाहता

समय और किस्मत पर कभी घमंड मत करना, क्योंकि सुबह उनकी भी होती है, जिनके दिन खराब हो।

गणेश जी का आज आगमन हो रहा है उनके आने से एक मन मे खुशिया आ गई है, पता ही नहीं चल रहा है कि अब देश मई महामारी फैला हुआ है, नमो नमा:


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