Nothing much to tell about me... Exploring myself in this beautiful film called "LIFE". & अपने सपनों और हकीकत के बीच अपनी पहचान ढूंढ रहा हूं ।।
तुम मेरी जिंदगी का वो हिस्सा हो, जिसकी फिक्र तो हमेशा रहेगी मगर, जिक्र कभी नहीं ।।
शाम तो ढल गया, बस अब रात का गुजरना बाकी है । शिद्दत से निभाया था जो रिश्ता, बस अब खुद का संभालना उसमे बाकी है ।।
देखा था उनको जब पहली दफा, निगाहें उनसे कुछ इस कदर मिली थी। होठों पर लफ्ज़ ठहर से गए थे, पहली बार पलकें शायद मेरी झुकी थी ।।
मैं दिल हूं तो तुम धड़कन हो मेरी, मैं जिस्म हूं तो तुम जान हो मेरी । ख्वाहिशें जितनी भी छुपी हो इन पलकों में, हर सपनो से उभरती तुम पहचान हो मेरी ।।