VIJAY LAXMI
Literary Colonel
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Myself vijaylaxmi head teacher in ggps chhara-2 block bahadurgarh district jhajjar haryana Dob-01-04-1965 Janam sthan-village bohar district rohtak haryana Education- 10+2,art and craft,jbt Job years- 28 Husband- Ashwani Kumar,dehli principal Hobby-book reading, written (story,poem) singing,... Read more

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जीवन और संघर्ष जब इंसान पैदा होता है, जीवन में संघर्ष का पड़ाव शुरू होता है, अनबोल बच्चा दूध के लिए रोता है, यही से संघर्ष का दौर शुरू होता है।। बड़ा होने पर संघर्षों का रुप बदल जाता है, इंसान चुनौतियों का सामना करता है, जीवन की नैया पार कर जाता है, जीत की खुशी में फूला नहीं समाता है।। संघर्ष के साथ ने व्यक्तित्व का निर्माण होता है, तब कहीं जाकर समाज में स्थान मिलता है, मां-बाप का मन हर्षित हो

जीवन और संघर्ष जब इंसान पैदा होता है, जीवन में संघर्ष का पड़ाव शुरू होता है, अनबोल बच्चा दूध के लिए रोता है, यही से संघर्ष का दौर शुरू होता है।। बड़ा होने पर संघर्षों का रुप बदल जाता है, इंसान चुनौतियों का सामना करता है, जीवन की नैया पार कर जाता है, जीत की खुशी में फूला नहीं समाता है।। संघर्ष के साथ ने व्यक्तित्व का निर्माण होता है, तब कहीं जाकर समाज में स्थान मिलता है, मां-बाप का मन हर्षित हो

राम

"सहारे इंसान को खोखला कर देते है* और उम्मीदें कमज़ोर कर देती है"* अपनी ताकत के बल पर जीना शुरू कीजिए,* *आपका,आपसे अच्छा साथी* और हमदर्द कोई नही हो सकता*

"सहारे" इंसान को खोखला कर देते हैं, और उम्मीदें कमज़ोर, अपनी ताकत के बल पर जीना शुरू कीजिए, आपका,आपसे अच्छा साथी और हमदर्द कोई नहीं हो सकता.

"सहारे" इंसान को खोखला कर देते हैं, और उम्मीदें कमज़ोर, अपनी ताकत के बल पर जीना शुरू कीजिए, आपका,आपसे अच्छा साथी और हमदर्द कोई नहीं हो सकता.

प्रशंसा की भूख...._अयोग्यता की परिचायक है ।_* काबिलियत की तारीफ तो_* विरोधियों के भी दिल से निकलती है ।।_* सम्पर्क नियमित रूप से बनाए रखना चाहिए,....._ क्योंकि....._* अज़नबियों के शोर से ज्यादा अपनों की चुप्पी परेशान करती है।*

जिंदगी अनमोल है व्यर्थ नहीं गवाना, जो सपने देखें है साकार कर दिखाना, रास्ते में मुड़कर नहीं देखना,ए-मुसाफिर तुने मंजिल को है पाना।।

सपनों की चादर संजो के रखना,गुम न हो जाए कहीं यादों के मंजर, यादों की स्याही में कलम डुबो के रखना।।


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