"दशहरा" केवल असत्य पर सत्य की विजय का ही प्रतीक नहीं है ,
बल्कि मां और बच्चों के बीच अटूट प्रेम का भी प्रतीक है!
श्रिया शुभम्
"स्व प्रेम" किसी और प्रेम से कहीं बहुत ज्यादा आवश्यक है ,
पहले हमे खुद के लिए जीना होता है ,
तभी किसी और के लिए जिया जा सकता है !
श्रिया शुभम्
"आकांक्षा" इंसान को जीने की हिम्मत देती है,
इसके बिना जिंदगी में कुछ भी नहीं है !
श्रिया शुभम्
"क्षति" कभी भी केवल एक चीज की नहीं होती,
बल्कि उसके साथ और भी कई तरह की होती है !
श्रिया शुभम्
"क्षति" कभी भी केवल एक चीज की नहीं होती,
बल्कि उसके साथ और भी कई तरह की होती है !
श्रिया शुभम्
"आशा" ही तो ज़िंदगी का आधार है,
इसके बिना जीवन का कोई मोल नहीं!
श्रिया शुभम्
"स्त्री" एक शब्द नहीं अपने आप में सम्पूर्ण सृष्टि है !
श्रिया शुभम्
"महिला" शब्द ही एक शक्ति है,
फिर महिला में कितनी शक्ति है ?
श्रिया शुभम्
"उत्पादकता" की शक्ति ऊपर वाले ने सिर्फ स्त्री को दिया है,
यह दिखाता है ,
स्त्री के काबिलियत को !
श्रिया शुभम्