अपने ही हांथों में भाग्य की लकीरें होतीं हैं, अर्थात जितना हम परि श्रम करेंगे उतनी ही हमारी भाग्य की रेखा बनती जाएगी।
अपने ही हांथों में भाग्य की लकीरें होतीं हैं, अर्थात जितना हम परि श्रम करेंगे उतनी ही हमारी भाग्य की रेखा बनती जाएगी।
अपने ही हांथों में भाग्य की लकीरें होतीं हैं, अर्थात जितना हम परि श्रम करेंगे उतनी ही हमारी भाग्य की रेखा बनती जाएगी।
जिंदगी दर्द ही नहीं खुशी भी होती है, ना सको मुस्कुरा तो कोई बात नही आंसू की सौगात भी मुस्कुराहट की वजह होती है।