ahmad zeeshan
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no way ,without way..... ( only feel)

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मेरी आखें बे-इन्तेहाँ मुन्तज़िर हैं तेरा दीदार करने के लिए...... लगता हैं बरसों हो गये हैं, तुझसे कल मिलने के बाद...... by-- ahmad_zeeshan

लोगों ने पुरे साल ,लोगों को बदलते देखा..... मैं फ़ख्र से कहूँगा ,मैंने साल को बदलते देखा....... ... -- ahmad_zeeshan

न जाने क्यूँ तबीयत नासाज़ मालूम होती है.... मौत से कह की मुझे दो पल अभी और चाहिए..... --ahmad_zeeshan

हिम्मत थी मुझमें अकेले सफ़र तय करने की........ ग़र उनकी जरूरतों ने मुझे मुसाफ़िर बना डाला... --ahmad_zeeshhan

मोहतरमा आप हूरों की बात करती हैं हम यहां तरस रहे हैं एक सांवली के लिए...🙏🙏

बड़ी साजिशो से हराए गये हम..... लगता है ये किसी जीत से मुक़म्मल होने का पैगाम है.... --अरशद_नेहाल_अंसारी

ख्वाबों में उसके नज़दीक जाता हूँ..... आँख खुल जाती है......फिर मेरा ख्वाब , ख्वाब ही रह जाता है....... --अहमद_जीशान

न जाने ख़्वाबो में क्यूँ उससे दूर रहता हु...... आखं खुलती है तब भी नशें में चूर रहता हु........ --ahmad_zeeshan

उतार सके जो नशा मेरा ,ऐसा कोई जाम नहीं.... एक-एक कर के पिलाए जाओ हमे ,अब कोई काम नहीं.... --ahmad_zeeshan


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