no way ,without way..... ( only feel)
Share with friendsमेरी आखें बे-इन्तेहाँ मुन्तज़िर हैं तेरा दीदार करने के लिए...... लगता हैं बरसों हो गये हैं, तुझसे कल मिलने के बाद...... by-- ahmad_zeeshan
लोगों ने पुरे साल ,लोगों को बदलते देखा..... मैं फ़ख्र से कहूँगा ,मैंने साल को बदलते देखा....... ... -- ahmad_zeeshan
न जाने क्यूँ तबीयत नासाज़ मालूम होती है.... मौत से कह की मुझे दो पल अभी और चाहिए..... --ahmad_zeeshan
हिम्मत थी मुझमें अकेले सफ़र तय करने की........ ग़र उनकी जरूरतों ने मुझे मुसाफ़िर बना डाला... --ahmad_zeeshhan
बड़ी साजिशो से हराए गये हम..... लगता है ये किसी जीत से मुक़म्मल होने का पैगाम है.... --अरशद_नेहाल_अंसारी
ख्वाबों में उसके नज़दीक जाता हूँ..... आँख खुल जाती है......फिर मेरा ख्वाब , ख्वाब ही रह जाता है....... --अहमद_जीशान
न जाने ख़्वाबो में क्यूँ उससे दूर रहता हु...... आखं खुलती है तब भी नशें में चूर रहता हु........ --ahmad_zeeshan