ज़िंदगी की बात ही निराली है, ये सुबह आशा की किरणों से जागती है, और रात को हकीकत दिखा कर सुला देती हे, फिर भी ये ज़िंदगी है दोस्तों, बस चलती रहती है - दर्शन एच जेठवा (MR.SaYaR)
वक्त हरदम कम ही रहेगा, जीवन एक काफी नहीं होगा । सपने ही इतने देख लिए है, की अब रातों को सोना मंज़ूर नहीं होगा । - दर्शन एच जेठवा ( MR.SaYaR )
ख्वाहिशें इतनी ज्यादा है, की इरादे भी कम पड़ रहे है । सौ बात की एक बात कही दर्शन ने की अब तो आसमान भी नीचे लग रहा है, जब इरादे उन तारों को छूने के है । - दर्शन एच जेठवा MR.SaYaR