मैं शेर,शायरी, गजल ,लिखता हूं,
जख्म खंजर लाश हम खुदी कातिल हैं सजा दो हमें साजिश में हम खुदी शामिल हैं
अपनी बैचेनी का किस्सा किस सुनाए, क्यूं ना लवों को सीलें खामोश हो जाए