कहानी कविता को लिखने का शौक है। पढ़ना भी बहुत पसन्द है। अपनी कलम से जब भी कोई किरदार लिखता हूँ, खुद भी उसे उसके साथ ही जीता हूँ।
दिनेश कुमार कीर
“अभिमान में अक्सर इंसान को इंसान नहीं दिखता, जैसे छत पर चढ़कर अपना ही मकान नहीं दिखता”
राखी की पतली सी डोरी की गाँठ की तरह भाई-बहन का यह सुन्दर संबंध अटूट रहे।