उनके रूठने के तरिके ही अलग हैं
बिना कुछ बया किए बस हमारी यादें मिटाए जा रहें हैं
और हम यहाँ बेचैनी में बेवजहसी वजह ढूँढे जा रहे हैं।
-Chaitali D.
दर्द आँखों से बहे तभी है अनमोल,
बिना बाजारु दाम के हिरे मोती का भी न मोल।
©️Chaitali D.
दर्द आँखों से बहें तभी है अनमोल,
बग़ैर बाज़ारू दाम के हीरे मोती का भी ना मोल।
©️Chaitali D.