I love writing....
Share with friends"ऐसा क्या है, जो वो यूँ इतराया है, रंग-रूप, चाल-ढाल, इल्म-विल्म, हाव-भाव ? अरे सब होगा........,इश्क़ तो हमनें ही सिखाया है।" By:- Sameer Faridi
"वो गया, ग़म हुआ, जो लौटा, मुझे ग़ुरूर हुआ। आकर लगा सीने से.....,कम्बख़्त, मैं उसका हर सितम भूल गया।" By:- Sameer Faridi
"वो भी थी मोहब्बत,जिसे भगवान कर गए, मीरा को दीवाना,कृष्णश्याम कर गए, हम तो भले इंसान,क्या औक़ात हमारी, धरती पे आके दूत भी ये,काम कर गए।" By:-Sameer Faridi