Adrish Srivastava
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पिज़ा, मैगी, बरगर, पिज़ा मैगी, बरगर, अगर रोज़ खाउगे, तो असपताल में ही नज़र आओगे। अद्रीश श्रीवास्तव

पढाई में पूरी तरह से मन लग जाता है, पढाई में पूरी तरह से मन लग जाता है, जब पिताजी का थप्पड़ खाया जाता है। अद्रीशश् श्रीवास्तव

पूरे महीने की नींद, पूरे महीने की नींद, पूरे हो जाती है, जब पढाई की बारी आती है। अद्रीश श्रीवास्तव

माॅल में पैर रखते ही, माॅल में पैर रखते ही, इतनी एनरजी आती है कि, अपने अंदर गलुकोस की दुकान खुल जाती है। अद्रीश श्रीवास्तव


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