Author Moumita Bagchi
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मैं एक हिन्दी लेखिका✍, अनुवादक और कांटेन्ट राइटर हूँ। मेरी एक पुस्तक," कुछ अनकहे अल्फाज़ कुछ अधूरे ख्वाब" 2019 में प्रकाशित हो चुकी है। द्वितीय 👩‍💻पुस्तक, " माँ की डायरी" स्टोरी मिरर से अगस्त,2020 को प्रकाशित हुई है। तृतीय पुस्तक: चतुष्कोण -- एक और कहानी संग्रह, 2022 में प्रकाशित हुई है-... Read more

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ज़िन्दगी में कुछ सीखें ठोकर खाने के बाद मिलती हैं। यकीन मानिए, वे बड़े पक्के किस्म की होती हैं।

कुछ खामोशियाँ, बहुत शोर करती हैं। - मौमिता।

इंसान का हो रुतवा पर खुदा नहीं बन सकता। शायर का भी गर हो रुतवा पर शायरी जैसा नहीं बन सकता।

इंसान का हो रुतवा पर खुदा नहीं बन सकता। शायर का भी गर हो रुतवा पर शायरी जैसा नहीं बन सकता।

हर वह शख्स जो अपनी पत्नी को रानी की तरह सम्मान देता है, पत्नी के दिल में राजा की हैसियत से रहता है।

हर वह शख्स जो अपनी पत्नी को रानी की तरह सम्मान देता है, पत्नी के दिल में राजा की हैसियत से रहता है।

तुमको न पाया कभी, पर तुम्हें खोने से डरती हूँ, दिल में अजीब सी बेकरारी तुम पर दखल होने से इतरातीहूँ

तुमको न पाया कभी, पर तुम्हें खोने से डरती हूँ, दिल में अजीब सी बेकरारी तुम पर दखल होने से इतरातीहूँ

यादें तुम्हारी, उस ढीठ बच्चे की तरह है, कितना भी भगाऊं गलबाही डाले हँसता है।


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