जीवन का दूसरा नाम ही है संघर्ष, इससे तुम नहीं घबराना, साहस और जूनून को साथी बना राह में बढ़ते जाना, माना कभी थकोगे, हारोगें, टूट कर बिखरोगें, पर याद रखना,जिद्दी बन तुम्हें अपनी मंजिल को है पाना। - नेहा प्रसाद✍️
थक गयी हूँ सबकी परवाह करते करते, अब कुछ लापरवाह होकर मुझे भी आराम करना है खुद से मिलना है। - नेहा प्रसाद
अपने अंदर के बच्चे को हमेशा जिंदा रखिये, हद से ज्यादा समझदारी भी रंगीन जीवन को बेरंग बना देती है। - नेहा प्रसाद