Lokesh Srivastava
Literary Captain
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बुज़ुर्ग परिवार का वो अज़ीम दरख़्त है, . . जो बेशक फलदार नही रह गये हों, मगर शीतल छाया पूरी देते है !!

पुरुष के लिए स्त्री एक पुल की तरह है जिससे वह गुजरना चाहता है। जबकि स्त्री के लिए पुरुष एक सागर है जिसमें वो डूब जाना चाहती है। प्रेम दोनों ही चाहते हैं, परंतु विपरीत मूल्यों पर।


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