Manisha Shaw
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I love to write with the ink of emotion

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बचपन बीता खेल रहित, जवानी शौक भुलाया, और बुढ़ापा ढों-ढों बिताया बस जिम्मेदारी के बोझ तले!

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सफर में तलाश किसी की भी हो , पर इतना ध्यान रखना है बिछड़ न जाए हम खुद ही खुद से, बस इतना ख्याल करना है।

आजाद हैं देश तो आजाद हम हैं सोच आजाद और आजाद जीवन है आजाद सपने तो आजाद लक्ष्य है जिंदगी आजाद और आजाद मन है

दया हो हर प्राणी के मन में दुख हो औरो के दुख से क्या कमाया क्या खोया बेफिक्र हो जाए इन सबसे

बेईमान मन है, तन्हा जीवन है मौसम भी बदला बदला सा है शान्त पवन है, सन्नाटा हर आंगन हैं न जाने क्यों रिक्त सा जीवन है

निकले तो थे पूरे शहर भ्रमण पर देखी हमने चीज अतरंगी जीवन बड़ा कठिन समझ आया लोग भी थे बड़े मनभंगी

हमने सुना है एकता में बड़ा बल है, हर समस्या का एकजुटता से निकलता हल है, अकेले हो सकता हमारे साथ छल है, ताकत होती है जिसमें वो एकता का दल है।

कहीं तो पहुंचेगी सांसें जिंदगी के सफर में, सोच गर सकारात्मक हो, तो मिलेगी सफलता हर डगर में।


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