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ख्यालों की दुनियाँ मे कलम को साथी बना कर शब्दों की माला पिरोने की कोशिश करती हू

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नेकी को अब मूर्ख कहें, छल को कहते चातुर, जो जितना धोखा दे सके, उतना हो आदरपूर....

तिनका तिनका जोड़ कर संभाला है खुदको अब वादा किया है खुद से बिखरने ना देंगे।

मेहनत को आधार बनाओ मत करो किसी का तुम इंतज़ार कोई न आता है साथ खुद को अपना संगी साथी बनाओ जीवन तुम्हारा है तो इसे सफल बनाने मे खुद से ही उम्मीद लगाओ।

तुम वो बनना जो तुम खुद बनना चाहते हो वो नही जो लोग तुम्हे बनाना चाहें।

उस स्थान और व्यक्ति से तुरंत दूर हो जाना बेहतर है जहां आप एक विकल्प मात्र हो।

उस स्थान और व्यक्ति से तुरंत दूर हो जाना बेहतर है जहां आप एक विकल्प मात्र हो।

उस स्थान और व्यक्ति से तुरंत दूर हो जाना बेहतर है जहां आप एक विकल्प मात्र हो।

ये दिल कभी तो रहम कर दिया कर हम भी तेरे है कोई गैर नही

हाथों की लकीरों में नही था नाम तुम्हारा फिर भी न जाने क्यूं दिल तेरी ओर चला गया ।


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