मां
कठिन परिस्थितियों में भी होले से मुस्कुरा देती है..
हम विचलित हो जाते हैं जिन बाधाओं से..
मां धैर्य से उनमें भी रास्ता बना देती है..
औलाद के अनकहे जज्बातों को समझ जाती है...
यह मां ही है जो अपनी औलाद के मन की हर एक बात जान जाती है.....
बुरे वक्त में सबसे पहला साथ उसी ने छोड़ा
जिस ने मेरा हाथ कसकर थामा था ...
वक्त ने फितरत क्या बदली अपनी...
भीड़ में तन्हा हो गई मैं ....
वरना मेरे साथ तो चलता पूरा जमाना था