B. Pandey
Literary General
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He:"Tum innocent aur dumb thi..bas ab isi ka ulta ho gya hai..kayde se hume ab milna chahiye tha...!" She: (Deep silence) ....Take Care.

अब न अल्हड़पन रहा, न शोखी बातों में, नसों में टीस फड़कती है गुजरती उम्र की।

क्या शिकवा क्या गिला करूं ,मैं बस एक ' याद ' थी जो शायद उम्र के तकादे से मिट गई ।

कुछ भी बेवजह नही होता मगर तुम्हारा होना किस वजह से हुआ..ये सवाल आज भी बेवजह वजह मांगता है!

कोई माज़ी से ऐसे ही एक दिन यकबयक क्यों जहन में झांकने लगता है!

जिन्हे आपकी जिदंगी में होना ही होता है उनसे आप बार बार टकराते हैं।

पब्लिक डीलिंग "चक्रव्यूह " है एमपैथ के लिए। वो अभिमन्यु हो जाता है।

सांसें अक्सर यही शिकायत करती हैं, खुद को कहीं रख कर भूल गये हैं हम। -भावना कुकरेती

मैने पढ़ा"ध्रुवों पर "टनों बर्फ के नीचे सुना है साफ मीठा पानी है।जानते हो, अचानक लगा जैसे ये हमारी... हमारे दिलों की कहानी है।


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