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Share with friends"अपनी कलम से........" लोगो की मोहब्बत का अंदाजा लगाना मुश्किल है, नज़रो में प्यार और खंजर छुपाये फिरते है। "नीरज सिंह"
" अपनी कलम से........" परिंदों का मकां खुला आसमान होता है। सोने का पिंजरा उनकी चाहत नही ।। "नीरज सिंह "
"अपनी कलम से........" शराब आदमी का सामाजिक वहिष्कार करती थी। आज शराब सामाजिक हो चुकी है, जो आमचलन में है। " नीरज सिंह "
" अपनी कलम से........" शराब कुकर्मो की जननी है,इसके सेवन के बाद देव भी दानव स्वरूप व्यवहार करता है। " नीरज सिंह "
"अपनी कलम से........" समाज लोगो से मिल कर बना होता है। लोगो के क्रिया कलाप उस समाज की रीति रिवाज बन जाते है। " नीरज सिंह "
"अपनी कलम से..........." एक अच्छा जीवन एक अच्छे मित्र के साथ ही होता है। और दोस्ती उस जीवन की यात्रा की मधुर बना देती है। " नीरज सिंह "
"अपनी कलम से .........." जीवन में क्रोध विष के समान है लेकिन विष पीने से जीवन खत्म और क्रोध पीने से जीवन संवर जाता है। " नीरज सिंह "
" अपनी कलम से .........." आँखे व्यक्तित्व का आइना होती है जैसी नियत होती है आँखे वैसा ही देखती है।आँखे मन के साथ काम करती है। " नीरज सिंह "