अमित जी को मिला दादा साहब फाल्के पुरस्कार
बड़ी देर की मेहरबाँ आते -आते
आप जीते रहे यूं ही मुस्कराते।
अमित जी को मिला दादा साहब फाल्के पुरस्कार
बड़ी देर की मेहरबाँ आते -आते
आप जीते रहे यूं ही मुस्कराते।
वक्त ने फिर करवटे बदल ली हैं
नए मौसम ने एक अंगड़ाई ली हैं
उन्हें ये देश रास नहीं आता
जिनके दिल में बसी खिलाफत हैं
वरना देश में खिलता कमल है
जिसपर गर्व से जनता मरती है ।