Uttam Mukherjee
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क्रोध के समान शत्रु कोई नहीं, अच्छे से अच्छे दोस्ती पल में डह जाते हैं।

वक्त का ताकाजा है दोस्तों,नहीं तो इंसान जानवर नहीं बन जाता।

मौन बुजदिली नहीं, अक्लमंदी है।

इस जीवन में ब्रह्म देव शिक्षक होते हैं, वे जैसा चाहते हैं , वैसा छात्ररुपी जीवन की रचना करते हैं।


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