चुनो अपने लक्ष्य, चुनो अपने मार्ग, और निकल पड़ो उन्हें पूरा करने को, ज़िंदगी को जंग ना समझो, ज़िंदगी एक संघर्ष है।
आओ, होली के रंगों में ये भी सम्मिलित करें, रंग सद्भावना के, शांति के, प्रेम के और सराबोर कर दे सारा भारत।
बहुत कर लिया त्याग और बहुत बन लिए महान, अब समय है उठ खङे होने का, अपने अस्तित्व को बनाये रखने का, तभी होगा सार्थक 'महिला दिवस '।
प्रकृति - एक अद्भुत, एक अनमोल कृति अपने मे समेटे हुए कई चमत्कार, जिसे रचकर हतप्रभ है स्वयं ही रचनाकार ।