मनुष्य के इज्जत का एक ही निवारण है, जिसके पास से आपको इज्जत न मिले उसके साथ ठहरने का नहीं कोई कारण हैंl
"जीने का बस यही अंदाज़ रखा, जिसने मुझे नही समझा किया,
उसे मैंने नजरअंदाज किया।
तकलीफ अकेलेपन से नहीं,
बल्कि अंदर के शोर से है।
दर्द हमे खुद के कारण,
मतलबी लोगो के कारण हैं।
इस दुनिया में कोई ब्रह्मा का लिखा किस्मत लेकर नही आया , जिसने जो बोया वही वो पाया।