"बड़ी खुशियों के इंतजार में छोटी-छोटी खुशियों की बलि नहीं दी जा सकती "dnj
चले शयन को विष्णु जी, लक्ष्मी जी हैं साथ।
शेष नाग तैयार है ,फण को राखे छाप।।dnj
नशा नाश करता सदा, करते हैं जो लोग।
करते हैं उपयोग तो,हो जाता है रोग।।
नशा नाश करता सदा होता है नुकसान।
होता कितना कष्ट है,जाती है जब जान।।dnj
चिंगारी से खेलते लग जाती जब आग।
जपते रहते हम सभी,अपना अपना राग।।dnj
अंदर बाहर चल रहा, युद्ध नित्य अविराम।
घटनाएं क्यूं घट रही, हो रही सरेआम।।dnj
धामों में इक धाम है,जगन्नाथ प्रभु धाम।
पावन पुनीत स्थान है,अद्भुत है ये नाम।। dnj
पहले अपने मूल को, जाने सब इंसान।
पुरखों की इस रीत का, करते रहें बखान।।dnj
किसने रोका है तुम्हें,कर लो मुझसे प्यार।
दूरी इतनी कम रखो,कर लो आंखें चार।।
कर लो आंखें चार, रहूॅं यादों में पागल।
चाहूं तुझको और,करूं ख्वाबों में घायल।।
किसे रखें पहचान,कौन लगते हैं अपने।
दिल से पूछो यार,तुम्हें रोका है किसने।।dnj