Vaidehi Purushotam
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I love writing poetries as a hobby as a soul of satisfaction

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संगीत ही आराधना है संगीत ज्ञान है संगीत ही तो ज़िन्दगी का सम्मान है

इश्क़ माता पिता से इश्क़ परिवार से इश्क़ आस पास से इश्क़ जीत से हार से

मिलने मुझसे मेरा पूरा परिवार आया लगता है जैसे आज सुकून भरा इतवार आया

इतनी शिद्दत से निभाओ ज़िन्दगी में अपना किरदार कि पर्दा गिरने के बाद भी तालियाँ बजती रहें

तेरी खुशियाँ तेरी दस्तक तेरा ही व्यवहार सही तुझसे जीते तो क्या जीते तुझसे हार तो हार सही तेरी सांसें तेरी बातें तेरा ही किरदार सही तुझसे रूठे तो क्या रूठे तुझसे प्यार तो प्यार सही तेरी यादें तेरे वादे तेरा ही संस्कार सही तू छूटे तो जग छूटे तू ही तो ख

बहुत हो गया लोगों का आना जाना लेकिन काश ठहराव ज़िन्दगी में हो जाए

सुकून देता है मुझे लोगों का याराना भी कि मेरी बंदगी तब सफल होगी जब व्यक्तित्व हसरत में होगा

सुकून देता है मुझे लोगों का याराना भी कि मेरी बंदगी तब सफल होगी जब व्यक्तित्व हसरत में होगा

एक तमन्ना है कि ज़िन्दगी रंग बिरंगी हो और बचपन की कहानियाँ मुझे ज़िंदा रखती हैं


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