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मैं ठहरा वहीं जहाँ किनारा तुमने दिया, लगभग डूब चुकी कश्ती को सहारा तुमने दिया ।
सुना है वक्त ठहरता नहीं..... पर फिर भी याद तुम्हारी जो आती है तो वक्त ठहर सा जाता है यहीं....