जो मांगे मिले वो प्रेम कहाँ,
जो आंसू न समझें वो अपने कहाँ,
सच में अपना जो होता है,
बुरे वक़्त में हाथ बढ़ाता है
नेक नियति और सद संगति जीवन कोई आधी मुसीबतों से रिहा रखती है..
हर बच्चा एक अनगढ़ पत्थर की भांति है,, उसे शिक्षा रुपी छैनी के द्वारा काट छांट कर सुन्दर बनाया जा सकता है.... अपने जीवन को हर निमिष शिक्षा मय बनाना ही जीवन की सार्थकता है.....