राज़ गहरे आंखों में लिए वो शरमाने लगे हैं, इश्क हो गया है उनको वो खुद पे इतराने लगे हैं। कामनी गुप्ता*** जम्मू !
मनाने निकले थे जब वो कभी भूल से हमें, गुस्से ने तब भी उनके चेहरे पर गुस्ताखियां कर दीं। कामनी गुप्ता*** जम्मू !
खुश रहने के बहाने अक्सर ढूंढें हैं हमने, तुमसे कभी भी ख्वाहिशों का हिसाब नहीं पूछा। कामनी गुप्ता*** जम्मू !
तोड़ दे हौंसला अपनी कड़वी बातों से हमारा कोई ऐसा होगा नहीं, झूठ से हार कर पीछे हट कर जीना हमें आया ही नहीं। कामनी गुप्ता*** जम्मू ! #seedhibaat
जाने क्यों... बरसों का साथ पल में खत्म हो जाता है जाने क्यों, एक मंज़िल ऐसी है यहां हर राह आखिर में खुद में समा लेती है जाने क्यों। #seedhibaat कामनी गुप्ता*** जम्मू !
भावनाओं को फिर ठेस पहुंचाने की कोशिश जारी रही, बात शांति की करनी थी मगर किसकी फिर तरफदारी रही। कामनी गुप्ता*** जम्मू !
झूठी मुस्कान और झूठे से किरदार लगता है जीने लगे हैं हम, अंदर के तूफान छुपा औरों को दिखाने को बनावटी से दिखने लगे हैं हम। कामनी गुप्ता*** जम्मू !
चांद बैरी हो गया.. ... ढेरों थी शिकायतें भी, ढेरों लम्हें मौन थे, चांद जो समझा फिर वो कौन था। कामनी गुप्ता*** जम्मू !