Sunita Maheshwari
Literary Colonel
AUTHOR OF THE YEAR 2020 - NOMINEE

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शिक्षा - एम.ए. (हिंदी, संस्कृत) एम.एड. अध्यापन – निर्मला कान्वेंट स्कूल, दी आदित्य बिड़ला पब्लिक स्कूल (रेनुकूट) सम्प्रति – सेवा निवृत प्रकाशन – ‘अर्पण’ काव्य संग्रह , ‘बाबुल हम तोरे अंगना की चिड़िया’ सांझा काव्यसंग्रह में प्रकाशित कविताएँ | विविध पत्रिकाओं -सखी , गृहशोभा, सरिता, साहित्य... Read more

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डॉक्टर,सैनिक, सेवाकर्मी , नाम बड़े | जान हथेली , पर ले करते , काम बड़े | करें नमन हम उनको सौ सौ, बार यहाँ | कोरोना को ,मिल कर देते , हार यहाँ | सुनीता माहेश्वरी

कोरोना को हराना है फैली महामारी विकट है, सावधानी को चुनो | साबुन लगा कर हाथ धोओ, अफवाह को मत सुनो | मुख , नाक, आँखों पे निरर्थक, हाथ अपने मत धरो | घर से निकलना छोड़ दो , बचाव के नियम गुनो।| सुनीता माहेश्वरी

साथ हो परिवार , खुशी मिले अपार | सुनीता माहेश्वरी

गुलाबों का तेरा देना , बढ़ाता प्रेम है मन में | सजाता प्रेम के धागे , जागता प्रीत है तन में | सुनीता माहेश्वरी

गुलाब की तरह जिंदगी हो हमारी | महक कर खुशियाँ फेला दें सारी | सुनीता माहेश्वरी

जिंदगी में केवल गुलाब ही नहीं काँटे भी मिलते हैं | सुनीता माहेश्वरी

स्त्री- पुरुष दोनों ही समाज में रहते हैं, पर नारी को ही अग्नि परीक्षा देनी पड़ती है। पुरुष प्रधान मानसिकता के कारण नारी हमेशा से प्रताड़ित होती रही है। हमेशा शंका के घेरे में उसे ही खड़ा कर दिया जाता है। अब नारी को सशक्त होना होगा। सुनीता माहेश्वरी

बेटी के हत्यारों तुम , बहू कहाँ से लाओगे ? बेटों की चाहत वालों , पोते कहाँ से पाओगे ? सुनीता माहेश्वरी

महँगाई का पंजा जब हमें जकड़ता जाता है , तब पति का बटुआ बड़ा होकर भी छोटा रह जाता है | सुनीता माहेश्वरी


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