samsad siddiqui

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simple

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किसी को जानने में वक्त बर्बाद मत करो कहीं ऐसा न हो कि वक्त तुम्हें ही बर्बाद कर दें

ये जो मेरी लाश पे रोते हैं अगर उठ जाऊँ तो जीनें नहीं देंगे।

अब यूँ ही खामोश रहना है मुझे, बे-वजह अब मैं किसी को परेशान नहीं करता।

वो जो हमेशा पलकों पर बैठा करते

निगाहों में कोई दुसरा चेहरा नहीं आया, भरोसा ही कुछ एेसा था तुम्हारे लौट आने का।


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