ख़ुद में ख़ुद को ढूंढ़ती हुई,,थोड़ी खोई और थोड़ी उलझी हुई,,शब्द जिसे सुलझाते हैं।
कभी सोचा ना था दिल इस कदर उसका हो जाएगा,, कि कुछ भी करने से पहले इजाज़त हम खुद से ही लेंगे।