जब तुम साथ होते हो न तो हर दिन हर पल को हर एक लम्हा को हम उत्सव की तरह जीते है....
यूँही चल कभी मेरे साथ तुं,
खुले आसमाँ के नीचे...
सितारों की चादर ओढ़े...
बैरी चाँद के निर्मल रोशनी में
हाथों को थामे यूँही चल कभी
@komal
मन उपवन में पुष्प खिला है.
जिंदगी बगिया सी खिली है...