Sneh lata mehla
Literary Captain
31
Posts
9
Followers
0
Following

स्नेहमयी,ममतामयी मां

Share with friends
Earned badges
See all

हिंदी भाषा नहीं, सांसे हैं।

चाहता है जो देश के लिए कुछ करना। शुरू कर दे टैक्स भरना।।

समय-समय की बात है , कल तुम बुलाते नहीं थे, आज हम आते नहीं हैं।

समय का तकाज़ा है, घर में रहना अच्छा ज्यादा है।

स्वास्थ्य है तो सब है, स्वास्थ्य बिना बेकार जीवन।

जीत गई है अब यह नारी, दूर हटो अब मेरी बारी।

वन्य जीवन है धरती का आधार , मत बनाओ इसे प्लेट का उपहार।।

पैसा कमाने से पहले अपनों को जीत लो।

मां से मिली मातृभाषा। इसके बिना कैसे जियूं? यह तो मेरे जीवन की अभिलाषा।


Feed

Library

Write

Notification
Profile