लोग मिलते हैं राहों में अनेकों चाल रच-रच के।
दुनियाँ की अन्जानी राहों में आप चलना बच-बच के।।
Sushil Radhe Krishna
आप शक्ति पुँन्ज है लेकिन जीत आजमाने में है।
माना लुटेरे बहुत लेकिन दयाभाव जबाने में है।।
Sushil Radhe Krishna
"The proud of goodness is the root of badness"
"Do good and be good"