Anuradha Negi
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M.A(Economics)I'm front line helper In child development project. Nature and music lover, Writer of both (poems & stories).

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जब भी मुझे अपनों से तकलीफ मिली दर्द मिला''' सारी दुनिया की तरह मैंने भी एक उसी का नाम लिया ।।। ...शिवम...

जब भी मुझे अपनों से तकलीफ मिली दर्द मिला''' सारी दुनिया की तरह मैंने भी एक उसी का नाम लिया ।।। ...शिवम...

योग्य तो बहुत कुछ पाने के थे.... पर तूने तो कामयाब होने का इंतजार भी नहीं किया उफ़ किस्मत लिखकर कलम भी तोड़ दी......... अनुराधा नेगी।

तस्वीरें इतनी खूबसूरत नहीं होती अगर, अगर कैद करने वाला ये नहीं कहता .. ... सामने देखकर थोड़ा मुस्कुरा दीजिये। अनुराधा नेगी।

रहता मन क्यों उदास है, पता चला नहीं ये राज है। ना इस उदासी का कोई मतलब, और न कोई इलाज है। अनुराधा नेगी।

लोग इंतजार करते हैं रात का कि वो चैन की नींद सो सकें और हम फिराक में हैं अंधेरे के ताकि दिल खोलकर रो सकें🥲🥲🥲🥲 अनुराधा नेगी।

क्या फायदा ऐसी जान पहचान का, जो आपकी कामयाबी देख अनजान बन जाए। अनुराधा नेगी।

जिंदगी भर जिसके लिए सफर में रहे, आखिरी सांस तक भी वो हमसफर ना मिला।

कंधे पर तख्ता लटका हाथ में कलम दवात लिए, श्वेत लेखन में रंग मोती के घोल मिट्टी ने भर दिए ; कोरे कागज को सजा के शब्द स्याही से, कलम थमाकर ये जीवन उजागर कर दिए। वो प्रभु हैं,वो दयालु हैं,वो मित्र हैं, वे इस संपूर्ण जीवन का चलचित्र हैं; आओ आज उन कमल पदों को नमन करते हैं, आज के दिन अपने गुरु का स्मरण करते हैं। अनुराधा नेगी ५ सितंबर २०२२।


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