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नळनीळ जांबुवंत । अंगद सुग्रीव बिभीषण भक्त ॥५॥ देहबुद्धि नेणों कांहीं । दास अंकित रामापायीं ॥६॥ नळनीळ जांबुवंत । अंगद सुग्रीव बिभीषण भक्त ॥५॥ देहबुद्धि नेणों कांहीं । दास अंकि...