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पवन तिवारी
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लेखक के बारे में
पवन चिंतामणि तिवारी अपने पहले ही उपन्यास 'अठन्नी वाले बाबूजी' के लिए महाराष्ट्र हिंदी साहित्य अकादमी के जैनेन्द्र पुरस्कार से सम्मानित पवन तिवारी का जन्म-1984 अम्बेडकरनगर ,उत्तर प्रदेश, शिक्षा - स्नातक एवं हिन्दी में ''साहित्यरत्न''.गत 18 वर्षों से मुंबई में निवास.12 वर्ष की उम्र से लेखन , भारत दररोज , जाबाज पत्रकार, मुंबई प्रताप, संवाद शक्ति, फिल्म्स टुडे, हमारे संस्कार,फ़िल्मी संसार,शोध -शक्ति जैसे पत्र- पत्रिकाओं का सम्पादन किया. आनलाइन पोर्टल एवं चैनल jjv न्यूज में कार्यकारी सम्पादक की जिम्मेदारी. दैनिक दिवस रात्रि [पूना ] दैनिक पंजाब केसरी [दिल्ली] इतवार पत्रिका [ दिल्ली ]दैनिक हिंदमाता [मुंबई],दैनिक उत्तर भूमि [मुंबई ] दैनिक ठाणे स्टाइल [ठाणे ] दैनिक प्रभासाक्षी [बिजनौर] सहित अनेक पत्र पत्रिकाओं के लिए लेखन पहला चर्चित कहानी संग्रह ''चवन्नी का मेला'' 2005 में प्रकाशित. हाल ही में उपन्यास ''अठन्नी वाले बाबूजी'' अनुराधा प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशित. आनलाइन समाचार के चर्चित पोर्टलों प्रवक्ताडॉटकॉम,मेकिंग इंडिया,प्रभासाक्षीडॉटकॉम, जेजेवी न्यूज आदि पर लेख प्रकाशित.चित्रकला [पेंटिग्स] पर हिन्दी में सर्वाधिक लेखन व समीक्षा .. वर्ष 2014 - 15 में सनातन चैनल में रचनात्मक निर्देशक और शोध प्रमुख रहा. मेरी कहानी ''तेरे को मेरे को'' पर एक हिन्दी फिल्म भी बन रही है. इन्डियन प्रेस कौंसिल की 2004 प्रथम स्मारिका का सम्पादन किया, देश की सबसे बड़ी भजनों की पुस्तक भजन-गंगा का अतिथि सम्पादन किया. वर्ष २०११-२०१३ में विहिप के मुंबई से प्रकाशित मुखपत्र विश्व हिन्दू सम्पर्क का सम्पादन. अटल जी के विशेषांक का अतिथि सम्पादक रहा. देश भर की पत्र पत्रिकाओं में 1500 से अधिक लेख ,कहानियाँ, कवितायें प्रकाशित, फिल्म राइटर्स एशोसिएशन का सदस्य, फिल्मों एवं एल्बम में गीत लेखन. स्वयं के चर्चित ब्लॉग - चवन्नी का मेला पर तमाम विषयों पर गंभीर लेखन ,भारतीय प्रकार संघ का - कार्याध्यक्ष रहा [ वर्ष २००६-२००७] . हिन्दी भाषा के उन्नयन एवं विकास के लिए अनेक सम्मान . उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए आगाज़ और संवाद शक्ति शिखर सम्मान प्राप्त. हाल ही में महापंडित राहुल सांकृत्यायन एवं राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर पर आल इण्डिया रेडियो मुंबई पर मेरा विशेष वक्तव्य प्रसारित हुआ .हिन्दी भाषा, कविता पाठ, पत्रकारिता और उसके उत्थान पर देश भर में वक्तव्य एवं सेमीनारों में सहभागिता आदि सम्प्रति- स्वतंत्र लेखन एवं हिन्दी और पत्रकारिता के विकास व उन्नयन के लिए देश भर में वक्तव्य, सेमीनार व भ्रमण
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सारांश
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पवन चिंतामणि तिवारी अपने पहले ही उपन्यास 'अठन्नी वाले बाबूजी' के लिए महाराष्ट्र हिंदी साहित्य अकादमी के जैनेन्द्र पुरस्कार से सम्मानित पवन तिवारी का जन्म-1984 अम्बेडकरनगर ,उत्तर प्रदेश, शिक्षा - स्नातक एवं हिन्दी में ''साहित्यरत्न''.गत 18 वर्षों से मुंबई में निवास.12 वर्ष की उम्र से लेखन , भारत दररोज , जाबाज पत्रकार, मुंबई प्रताप, संवाद शक्ति, फिल्म्स टुडे, हमारे संस्कार,फ़िल्मी संसार,शोध -शक्ति जैसे पत्र- पत्रिकाओं का सम्पादन किया. आनलाइन पोर्टल एवं चैनल jjv न्यूज में कार्यकारी सम्पादक की जिम्मेदारी. दैनिक दिवस रात्रि [पूना ] दैनिक पंजाब केसरी [दिल्ली] इतवार पत्रिका [ दिल्ली ]दैनिक हिंदमाता [मुंबई],दैनिक उत्तर भूमि [मुंबई ] दैनिक ठाणे स्टाइल [ठाणे ] दैनिक प्रभासाक्षी [बिजनौर] सहित अनेक पत्र पत्रिकाओं के लिए लेखन पहला चर्चित कहानी संग्रह ''चवन्नी का मेला'' 2005 में प्रकाशित. हाल ही में उपन्यास ''अठन्नी वाले बाबूजी'' अनुराधा प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशित. आनलाइन समाचार के चर्चित पोर्टलों प्रवक्ताडॉटकॉम,मेकिंग इंडिया,प्रभासाक्षीडॉटकॉम, जेजेवी न्यूज आदि पर लेख प्रकाशित.चित्रकला [पेंटिग्स] पर हिन्दी में सर्वाधिक लेखन व समीक्षा .. वर्ष 2014 - 15 में सनातन चैनल में रचनात्मक निर्देशक और शोध प्रमुख रहा. मेरी कहानी ''तेरे को मेरे को'' पर एक हिन्दी फिल्म भी बन रही है. इन्डियन प्रेस कौंसिल की 2004 प्रथम स्मारिका का सम्पादन किया, देश की सबसे बड़ी भजनों की पुस्तक भजन-गंगा का अतिथि सम्पादन किया. वर्ष २०११-२०१३ में विहिप के मुंबई से प्रकाशित मुखपत्र विश्व हिन्दू सम्पर्क का सम्पादन. अटल जी के विशेषांक का अतिथि सम्पादक रहा. देश भर की पत्र पत्रिकाओं में 1500 से अधिक लेख ,कहानियाँ, कवितायें प्रकाशित, फिल्म राइटर्स एशोसिएशन का सदस्य, फिल्मों एवं एल्बम में गीत लेखन. स्वयं के चर्चित ब्लॉग - चवन्नी का मेला पर तमाम विषयों पर गंभीर लेखन ,भारतीय प्रकार संघ का - कार्याध्यक्ष रहा [ वर्ष २००६-२००७] . हिन्दी भाषा के उन्नयन एवं विकास के लिए अनेक सम्मान . उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए आगाज़ और संवाद शक्ति शिखर सम्मान प्राप्त. हाल ही में महापंडित राहुल सांकृत्यायन एवं राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर पर आल इण्डिया रेडियो मुंबई पर मेरा विशेष वक्तव्य प्रसारित हुआ .हिन्दी भाषा, कविता पाठ, पत्रकारिता और उसके उत्थान पर देश भर में वक्तव्य एवं सेमीनारों में सहभागिता आदि सम्प्रति- स्वतंत्र लेखन एवं हिन्दी और पत्रकारिता के विकास व उन्नयन के लिए देश भर में वक्तव्य, सेमीनार व भ्रमण
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